वो जो ज़ुल्फ़ें संवार दे
पलकों के एक इशारे से...
हल्के से, चूम ले
कान की बालियां
जब मुस्कुराए...
पैरों में पायल का शोर नहीं
उसकी आवाज़ पहनी है.
मैं जब चलती हूँ,
वो धीरे से कहता है
किसी ख़्वाब पर पाँव मत रखना;
चुभ जायेगा ...
~ सबा
Wo jo zulfeiN sanwar de
palko ke ishare se...
Halke se, choom le
kaan ki baaliyaN
jab muskuraye..
Pairo me payal ka
shor nahi
uski awaz pehni hai,
main jab chalti huN
wo dheere se kehta hai
kisi khwab pe paanv mat rakhna
chubh jayega...
~Saba